बेटी होने पर बैंड बाजा बजा,शादी जैसा जश्न मनाया,

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हल्द्वानी। एक परिवार ने यह साबित कर दिया कि बेटी बोझ नहीं है। वह परिवार की शान है। घर की रौनक है। उसके बिना खुशियों की कल्पना तक नहीं की जा सकती। बेटी है तो परिवार है। उसका मान-सम्मान बहुत जरूरी है।
यह परिवार है ऊधमसिंह नगर की कलेक्ट्रेट कालोनी में रहने वाले ललित चंद्र आर्या का। मूलत: अल्मोड़ा जिले के निवासी जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी पद पर तैनात ललित चंद्र आर्या और प्रियंका राजे की पहली बेटी हुई तो खुशियां मानो सातवें आसमान पर पहुंच गईं। परिवार ने ऐसी खुशी मनाई कि लोग भी देखते रह गए। बेटी के स्वागत के लिए घर को शादी समारोह की तरह सजाया गया। फूल और बिजली की झालरें लगाई गईं। अस्पताल से ही बैंड बाजा बजने लगा। जिस कार से बेटी को घर लाया गया उसे दूल्हे की कार की तरह फूलों से सजाया गया। खूब मिठाई बांटी गई। बेटी के घर पहुंचते ही परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हर कोई बैंड बाजे की धुनों पर थिरक रहा था। कॉलोनी के लोग जुटे तो जश्न दोगुना हो गया। परिवार के सदस्यों ने बच्ची के ग्रह प्रवेश पर पैर के छापे लगवाकर स्वागत किया। घर को नन्ही परी की अलग-अलग दिन की फोटो और गुब्बारे भी से घर को सजाया गया।
जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी ललित आर्य ने कहा कि उन्हें बेटियों की कामयाबी पर गर्व होता है। वह बेटी ही चाहते थे। आज क्या कोई ऐसा क्षेत्र है जहां बेटियां बेटों से कदमताल नहीं कर रही है। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे इस प्रयास से समाज को एक संदेश जाएगा। लोगों को बेटियों के प्रति प्यार बढ़ेगा। प्रियंका राजे ने कहा कि लड़कियों की समझ लड़कों से बेहतर होती है। वह परिवार और समाज को अच्छी तरह पहचानती है।

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