अयोध्या। साधना, समर्पण व संस्कार का संवाहक माघ मेला मकर संक्रांति पर्व से प्रारंभ हो चुका है। सोमवार को पौष पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। रामनगरी में पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
ऐसे में पौष पूर्णिमा पर रामनगरी भक्तों से गुलजार रहेगी। प्रयाग स्नान के बाद अयोध्या आकर सरयू में स्नान-दान, पूजन का पौराणिक महत्व है। पौराणिक ग्रंथों में जिक्र है कि गंगा बड़ी गोदावरी तीरथ बड़ा प्रयाग, सबसे बड़ी अयोध्या जहां राम लीन्ह अवतार…।
इसी मान्यता के चलते प्रयाग स्नान से लौटने वाले श्रद्धालु अयोध्या आकर स्नान-दान व दर्शन-पूजन करते हैं। पौष पूर्णिमा स्नान के लिए रामनगरी में रविवार से भक्तों का आगमन शुरू हो चुका है।प्रयागराज और अयोध्या का पौराणिक संबंध शास्त्रों में वर्णित है। मान्यता है कि प्रयागराज स्नान के बाद अयोध्या आकर सरयू में स्नान, दान व पूजन करना अत्यंत फलदायी होता है।
इसी मान्यता के चलते माघ मेले में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं बड़ी संख्या में अयोध्या भी पहुंचते हैं और सरयू स्नान कर मंदिरों में दर्शन-पूजन करते हैं।शास्त्रों में कहा गया है कि प्रयागराज तीर्थों के तीर्थ हैं लेकिन अयोध्या तीर्थराज को भी पावन करने वाली नगरी है। पौष पूर्णिमा को लेकर अयोध्या में आने वाले भीड़ के मद्देनजर मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी गई है।
एसपी सिटी विजयपाल सिंह ने बताया कि सुरक्षा चाक चौबंद रहेगी। प्रमुख मंदिरों की निगरानी सीसीटीवी के माध्यम से की जाएगी। प्रवेश मार्गों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। स्नान वाले दिनों में वाहनों का प्रवेश भी भीड़ के दृष्टिगत प्रतिबंधित किया जाएगा।
जगद्गुरु श्रीरामदिनेशाचार्य कहते हैं प्रयाग स्नान करने वाले श्रद्धालु अयोध्या जरूर आते हैं क्योंकि अयोध्या सप्तपुरियों में श्रेष्ठ है। प्रयागराज स्वयं अयोध्या आकर स्नान करते हैं। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। प्रयागराज तीर्थ हैं तो अयोध्या सभी तीर्थों का तीर्थ है।
रंगमहल के महंत रामशरण दास कहते हैं कि तीर्थराज प्रयाग तीर्थों के राजा हैं लेकिन अयोध्या पति श्रीराम भगवान हैं। राजा भगवान से बड़ा नहीं हो सकता। सभी धामों में अयोध्या धाम श्रेष्ठ है। इसी मान्यता के चलते प्रयागराज स्नान को जाने वाले श्रद्धालु अयोध्या स्नान करने आते है।