रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन महाश्मशान पर होने वाली चिता भस्म की होली इस साल 15 मार्च को और भव्य रूप में मनाई जाएगी। अपराह्नन 11:30 बजे से प्रारंभ होकर 12 बजे आरती के साथ ही मसाने की होली शुरू होगी। द्वारिका से आए संदेश के चलते इस वर्ष श्री कृष्ण के पसंद के रंगों को भी मसाने की होली में शामिल कर भस्म के साथ दिव्य होली खेली जाएगी।
महाश्मशाननाथ सेवा समिति के व्यवस्थापक गुलशन कपूर ने बताया कि फाल्गुल शुक्ल द्वादशी को महाश्मशान पर चिता भस्म के साथ होली खेली जाती है। नियमित कार्यक्रम के तहत आदि देव शंकर दोपहर में स्नान के लिए मणिकर्णिका तीर्थ पर पहुंचते हैं। स्नान के बाद महाश्मशान नाथ की आरती और बाबा को भस्म अर्पित किया जाता है। फिर 51 वाद्ययंत्रों के बीच आरती होती है। उसके बाद जलती चिताओं के साथ भोलेनाथ अपने प्रिय विशिष्ट भक्तों के साथ चिता भस्म की होली खेलते हैं। शिवपुराण और दुर्गा सप्तशती में भी चिता भस्म की होली का उल्लेख मिलता है।