वाराणसी में गंगा अब लाल निशान के बेहद करीब हैं। चेतावनी बिंदु के पार करते ही शहर से लेकर गांव तक की बस्तियों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। वाराणसी शहर को दो भागों में बांटने वाली गंगा की सहायक नदी वरुणा ने विकराल रूप धारण कर लिया है। गंगा के पलट प्रवाह के कारण वरुणा किनारे रहने वाले सैकड़ों परिवारों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।लोग अपने घरों को छोड़कर मैदानों और कब्रिस्तानों में अस्थायी टेंट बनाकर रहने को मजबूर हैं। कुछ लोग किराये पर तो कुछ रिश्तेदारों के घर रह रहे हैं। शुक्रवार को वरुणा किनारे स्थित नक्खीघाट, मौजाहाल, सीधुआघाट, सरैया और तीनपुलिया इलाके में बाढ़ का पानी भरने लगा।
शनिवार सुबह से ही बाढ़ के पानी से कई लोगों का घर का डूब चुका है। लोग मकान खाली करते रहे। मौजाहाल-नक्खीघाट इलाके में बाढ़ का पानी भरने से लोग सामान निकालने में लगे रहे। सिलसिला अभी जारी है।नक्खीघाट के बारादरी मस्जिद के पास नवापुरा के रहने वाले शमशाद खान अपनी बहन सलमा के घर का सामान नाव के सहारे पार करा रहे थे। तीनपुलिया इलाके में लोगों ने कब्रिस्तान में अस्थायी तंबू डाल लिया है। इस छोटी सी जगह में गुजर- बसर कर रहे लोगों को खाने-पीने और बच्चों को संभालने में काफी समस्या आ रही है।वाराणसी में गंगा अब लाल निशान के करीब हैं। चेतावनी बिंदु के पार करते ही शहर से लेकर गांव तक की बस्तियों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। ग्रामीण इलाकों में कई जगह फसलों के जलमग्न होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गई हैं। गंगा के जलस्तर में खतरे का निशान 71.26 मीटर है। बढ़ते रुख को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि अगले 24 घंटों में जलस्तर खतरे के निशान (71.26 मीटर) को पार लेगा।
आशंका जताई जा रही है कि देर रात तक अस्सी की मुख्य सड़क तक गंगा का पानी पहुंच जाएगा। गंगा और वरुणा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले परिवार अपना-अपना आशियाना छोड़ सुरक्षित ठिकाने की ओर जाने लगे हैं।सामनेघाट इलाके की कॉलोनियों में ज्ञानप्रवाह नाले से बाढ़ का पानी घुसने के कारण मारुति नगर, गायत्री नगर कालोनी के आंशिक हिस्से में 100 से ज्यादा मकान बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मारुति नगर के पिछले हिस्से की सड़कें डूब गई हैं। कालोनी के रहने वालों ने बताया कि अभी तक बिजली की सप्लाई चालू है, लेकिन बंद होने के बाद समस्या बढ़ जाएगी।वर्ष 2013 और 2016 में भीषण बाढ़ के कारण क्षेत्र की दर्जनों कालोनियों के लोगों के लिए मुसीबत बनी थी। सामनेघाट की कालोनियों में घरों में पानी घुसने के कारण ज्यादातर लोग अपना सामान गांव या रिश्तेदार, परिचितों के घर रखने लगे हैं। वैसे ज्यादातर लोगों ने घर के दूसरे तल को ही अपना ठिकाना बना लिया है। बाढ़ की चिंता के साथ ही घरों की सुरक्षा और चोरी होने का डर लोगों को सता रहा है।