दिल्ली में पकड़ा गया आईएस का संदिग्ध आतंकी अबू यूसुफ पूरी तरह से आतंकियों से स्वत: प्रेरित था। इंटरनेट सर्फिंग के दौरान उसे अफगानिस्तान और कश्मीर के साथी मिले। यू-ट्यूब के जरिये उसने न सिर्फ आईईडी बम बनाना सीख बल्कि घटना को अंजाम देने के इरादे से दिल्ली पहुंच भी गया था।
उसका किसी भीड़भाड़ वाले इलाके में धमाके का इरादा था। उसने दिल्ली पुलिस को बताया है कि वह इरादा करके घर से निकला था कि अब उसे वापस नहीं आना है। फैसला कर चुका था कि उसे शहादत मिले या हिजरत अपने मंसूबे पर अमल करना है। सूत्रों का कहना है कि यूसुफ को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उसने कहा कि वह शहादत के रास्ते पर निकला है। यूसुफ ने अपने मंसूबे को अंजाम देने के लिए पिछले साल नवंबर से प्लानिंग शुरू कर चुका था। सूत्रों का कहना है कि यूसुफ कुछ दिन पहले पकड़े गए आतंकी इनामुल और उसके साथियों से एक कदम आगे निकल चुका था। इनामुल किसी वारदात को अंजाम देने का अभी प्लान ही बना रहा था कि उससे पहले यूसुफ वारदात को अंजाम देने के लिए घर से निकल गया। फिलहाल इनामुल और यूसुफ का कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है।
यूपी एटीएस को अब तक यूसुफ से पूछताछ का मौका नहीं मिला है। शनिवार को जब उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया और नोएडा से यूपी एटीएस की टीम रवाना हुई उससे पहले ही यूसुफ को न्यायालय में पेश कर दिया गया था और फिर दिल्ली पुलिस उसे लेकर बलरामपुर के लिए निकल गई। यूपी एटीएस की टीम बलरामपुर में भी उससे पूछताछ नहीं कर पाई।
यूसुफ की दिल्ली में गिरफ्तारी से पहले लखनऊ के काकोरी थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी गई थी। रविवार को लखनऊ पुलिस ने तहरीर देने वाले यूसुफ के बहनोई व उसके भाई से पूछताछ की। बहनोई ने बताया कि यूसुफ बलरामपुर से लखनऊ आने वाला था, लेकिन यहां नहीं पहुंचा और उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया तो गुमशुदगी की तहरीर दी।