हाथरस में धारा 144 लागूू कर दी गई है। बिटिया के गांव जाने वाले सभी रास्तों पर बड़़ी संख्या मेंं पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैैं और गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया हैैै।
अलीगढ़ रेेंज के आईजी पीयूष मोर्दिया बताते हैं कि हाथरस में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू की गई है। पीड़िता के गांव की तरफ जाने वाले रास्तों को सील कर दिया गया है। विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है।
दूसरी तरफ, बिटिया के साथ हुई घटना पर अब दूसरा पक्ष भी लामबंद होने लगा है। इसके बाद इलाके में तनाव भी गहरा रहा है। तनाव की सुगबुगाहट को अधिकारी भी महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि इलाके में एहतियात के तौर पर काफी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
चंदपा क्षेत्र के जिस गांव की बिटिया के साथ दरिंदगी हुई, वह वाल्मीकि समाज की थी, जबकि आरोपी चारों युवक ठाकुर समाज के हैं। घटना के बाद से ही दूसरा पक्ष खुद को निर्दोष बता रहा है और एकजुट भी होता जा रहा है। इस तरह की सुगबुगाहट आसपास के गांवों में भी देखी जा रही है। इसे लेकर क्षेत्र में तनाव भी बढ़ रहा है।
भाजपा नेता व पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान का कहना है कि इस मामले को किसी जाति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। चारों निर्दोष युवकों को फंसाया गया है। कई दलों के नेता इस मामले में राजनीति कर रहे हैं और इन युवकों को झूठा फंसाने में लगे हैं। अगले चुनाव में जनता उन्हें इसका जवाब देगी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस मामले में उतर प्रदेश सरकार के शीर्ष अधिकारियों और हाथरस के डीएम व एसपी को नोटिस जारी कर तलब कर लिया है। कोर्ट ने हाथरस की घटना पर पुलिस और प्रशासन के कृत्य पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी कानून और व्यवस्था, हाथरस डीएम और एसपी को नोटिस जारी कर उन्हें अगली सुनवाई पर तलब किया है। अदालत ने यह भी कहा है कि अधिकारी कोर्ट में मामले से संबंधित दस्तावेजों के साथ हाजिर हों।