यूपी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शक्ति प्रदर्शन के बाद सत्ताधारी समाजवादी कुनबे में घमासान अब भी जारी है. लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क मेें समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने नेताजी मुलायम सिंह को पार्टी का मार्गदर्शक और उनकी जगह अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया. इसके साथ ही उन्होंने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद तथा अमर सिंह को पार्टी से हटाने का भी प्रस्ताव भी पार्टी कार्यकर्ताओं के ध्वनि मत से पास किया.
रामगोपाल यादव ने अधिवेशन में कहा, दो लोगों ने साजिश कर अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया. ये लोग नहीं चाहते थे कि अखिलेश फिर से मुख्यमंत्री बनें. इन लोगों ने नेताजी को गुमराह किया और नेताजी के नाम पर अनाप-शनाप फैसले लिए. इसके बाद रामगोपाल ने अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय और संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास किया और कहा कि जल्द ही निर्वाचन आयोग को इस बारे में सूचित किया जाएगा.
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मुलायम बने मार्गदर्शक, शिवपाल पद से हटे
अधिवेशन में अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के साथ-साथ चाचा शिवपाल को भी यूपी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. इतना ही नहीं पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक बना दिया गया है. इससे पहले मुलायम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे.
अगर अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो…
- समाजवादी पार्टी पर उनका कब्जा होगा. ये भी साफ होगा कि पार्टी जीतती है तो सीएम अखिलेश ही बनेंगे.
- अखिलेश 403 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान करने के लिए आजाद होंगे.
- साइकिल का चुनाव चिन्ह भी वही बाटेंगे.
- अखिलेश का विरोध करने वाले नेता हाशिए पर चले जाएंगे.
अखिलेश ने अमर सिंह को हटाने की रखी शर्त
अखिलेश ने यहां पिता के सामने सुलह के लिए अमर सिंह को पार्टी से निकालने की शर्त रखी और 12 सितंबर से पहले के हालात बहाल करने की मांग की. दरअसल तभी से अखिलेश की चाचा शिवपाल के बीच खुली रस्साकशी शुरू हुई थी. अखिलेश यादव की इन शर्तों के बाद मुलायम सिंह ने अपने भाई एवं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को फोन कर अपने घर बुलाया और फिर थोड़ी देर बातचीत चलने के बाद बैठक खत्म हो गई.