कासगंज जिले के थाना सिढ़पुरा क्षेत्र के गांव नगला धीमर और नगला भिकारी में अवैध शराब की सूचना पर दबिश देने पहुंचे दरोगा अशोक कुमार सिंह और सिपाही देवेंद्र सिंह पर शराब माफिया ने नौ फरवरी की शाम हमला कर दिया था। सिपाही देवेंद्र की हत्या कर दी गई थी। दरोगा अशोक कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हुए थे। वारदात के बाद शराब माफिया मोती व अन्य आरोपी दरोगा की पिस्टल लूटकर भाग गए थे।
कासगंज कांड के बाद पुलिस ने 12 घंटे के अंदर ही सिपाही की हत्या करने वाले एक आरोपी एलकार को मुठभेड़ में मार गिराया था। यह मुठभेड़ 10 फरवरी की सुबह थाना सिढ़पुरा क्षेत्र में काली नदी की कटरी किनारे हुई थी। आरोपी एलकार मोती का भाई था। उस वक्त मुख्य आरोपी मोती फरार हो गया था। उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने पहले 50 हजार रुपये इनाम घोषित किया। बाद में इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया।
सिपाही की हत्या के मुख्य आरोपी की तलाश में पुलिस की आठ टीमें लगाई गईं। बरेली और कासगंज एसटीएफ की टीम भी गोपनीय तरीके से मोती की तलाश में जुटी थीं। 11 दिनों में मोती एक बार पुलिस के सामने आया, लेकिन उसे पकड़ नहीं सकी। हालांकि उसके ममेरे भाई और मौसा को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद पुलिस कासगंज से लेकर दूसरे जिलों तक उसकी गिरफ्तारी में जुटी। खादर की खाक छान मारी। आखिरकार 12वें दिन पुलिस को सफलता मिल गई।
शनिवार रात करीब ढाई बजे पुलिस की सूचना मिली कि करतला रोड पर काली नदी के पास जंगलों में मोती और उसके साथी छिपे हुए हैं। पुलिस ने बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए कॉम्बिंग की। इस दौरान बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। पुलिस की गोली से मोती गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे कासगंज के जिला अस्पताल में भेजा गया। जहां परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। उसके कब्जे से दरोगा की लूटी गई पिस्टल, एक तमंचा 315 बोर और कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।