भारत जमीन से हवा में मार करने वाले में सक्षम आकाश मिसाइल को वियतनाम के साथ बिक्री पर चर्चा कर रहा है. भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय सैन्य संबंध बढ़ रहे हैं, ऐसे में दोनों को चीन से सावधान रहने की जरूरत है. चीन इस पर पैनी नजर बनाए हुए है.
चीन लगातार भारत को एनएसजी का सदस्य बनने में रोड़ा अटका रहा है. इसके अलावा पठानकोट आतंकी हमले का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को भी संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव में चीन रोड़ा अटका रहा है. इसी के जवाब में भारत तेजी से चीन के आस-पास के देशों के सैन्य संबंध बढ़ा रहा है.
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक भारत वियतनाम के साथ स्वदेशी आकाश मिसाइलों को लेकर सक्रिय चर्चा कर रहा है. आकाश मिसाइल 25 किलोमीटर तक एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और ड्रोन को निशाना बना सकती है. वियतनाम आकाश मिसाइलों के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखा रहा है. इसके साथ ही तकनीक के हस्तांतरण और एयर डिफेंस सिस्टम के संयुक्त उत्पादन की भी चर्चा है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का भी कहना है कि वियतनाम भारत का एक करीबी दोस्त है. उनके साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी कई प्रयास किए जा रहे हैं.
इतना ही नहीं भारत इस साल सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमानों से वियतनाम के फाइटर पायलेट्स को प्रशिक्षण भी देगा. भारत और वियतनाम के बीच जुलाई 2007 में रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने को लेकर समझौता हुआ था. पिछले साल सितंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान इसे विस्तार दिया गया.