अक्षय की कोशिश से बना ‘भारत के वीर’ ऐप, अब हर देशभक्त कर सकेगा शहीदों के परिवारों की मदद

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जवानों के परिजनों को ऑनलाइन आर्थिक मदद पहुंचाने की सुविधा का आज उद्घाटन किया.

शहीद जवानों के परिजनों को वेबपोर्टल और मोबाइल एप के जरिये ऑनलाइन दान दिया जा सकेगा. इसके लिए राजनाथ सिंह और फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम में ‘‘भारत के वीर’’ नामक पोर्टल और मोबाइल एप लांच किया.

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सिंह ने अपने संबोधन में कश्मीर के हालात पर चिंता जताते हुये कहा कि कुछ भटके हुये लोग सेना के जवानों पर पथराव करते हैं. लेकिन देश उन जवानों को सलाम करता है जो पथराव करने वालों को बाढ़ जैसी मुसीबत से बचाते है

इस मौके पर अक्षय कुमार ने कहा कि अर्धसैनिक बल के जवानों की शहादत के बाद उनके परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए ऑनलाइन दान दिया जा सकेगा.

अक्षय कुमार ने आगे कहा, ‘मेरे पिता सेना में थे. आज एक एक्टर नहीं बल्कि अपने पिता के बेटे के तौर पर आपके सामने हूं. मुझे ये विचार टेररिस्ट पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री को देखते हुए आया था. उन्हें बताया जाता है कि गलत काम करो, तुम्हारे परिवार को पैसे पहुंच जाएंगे. क्यों न इस चीज़ का सकारात्मक काम में इस्तेमाल किया जाए. उन्हें कुछ टेररिस्ट लीडर की मदद मिलती होगी. जबकि जवानों के साथ 1.25 अरब लोग खड़े हैं. मैं बहुत छोटा आदमी हूं. ऐसे मंच पर आना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है.

गृह मंत्रालय ने अक्षय कुमार के सुझाव पर यह वेबसाइट और एप तैयार किया है. उन्होंने सरकार को परामर्श दिया था कि सीमा या आंतरिक सुरक्षा में तैनाती के दौरान शहीद हुए सशस्त्र बल के जवानों का ऑनलाइन ब्यौरा सार्वजनिक होना चाहिये जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति शहीद जवान के परिवार को मदद मुहैया करा सके.

वेबपोर्टल और मोबाइल एप पर शहीद जवानों की सूची और उनके परिजनों से संपर्क कायम करने के लिये पूरी जानकारी मौजूद रहेगी. इसमें शहीद के किसी एक परिजन का बैंक खाता नंबर भी शामिल होगा जिससे कोई भी दानदाता बैंक खाते में सीधे राशि जमा करा सके. वेबसाइट पर शहीद हुये सैनिक की शहादत से जुड़े अभियान की जानकारी भी दर्ज होगी.

किसी भी परिजन के बैंक खाते में सहायता राशि जमा कराने की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये तय की गयी है. यह सीमा पूरी होते ही संबद्ध शहीद के परिजनों की जानकारी वेबसाइट से स्वत: हट जायेगी.

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