२६ जून २०१७ की रात ऊंचाहार के इटौरा बुजर्ग गाँव में प्रधानी की रंजिश को लेकर हुए विवाद के बाद ग्रामीणों ने तीन युवको को पीट पीट कर मार डाला था, वहीँ कार में बंद प्रतापगढ़ के देवरा गाँव के प्रधान समेत दो युवको को जिन्दा आग के हवाले कर दिया था! मामले में पूर्व ब्लाक प्रमुख कई लोगो की गिरफ़्तारी हो चुकी है
वहीँ कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का मारे गए युवकों को अपराधी बताने वाले बयान पर कई नेता और ब्राह्मण समाज के संगठन भाजपा को घेर रहे हैं। ऊपर से योगी सरकार के मंत्रियों के बीच भी तलवारें खिंच गई हैं। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने यह कहते हुए स्वामी प्रसाद का बचाव किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है, लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद में हत्यारोपियों पर रासुका लगाने और मृतकों के परिवार के साथ सरकार के होने की बात कहकर यह जता दिया है कि स्वामी प्रसाद का अड़ियल रवैया अब भाजपा को भी असहज करने लगा है। विधि मंत्री बृजेश पाठक ने तो रविवार को यहां स्वामी प्रसाद पर करारा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हत्यारों को संरक्षण देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि संरक्षण देने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा। मारे गए युवकों को अपराधी बताकर जांच को प्रभावित करना पूरी तरह गलत है। ऐसा करने वालों पर भी भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई का प्रावधान है।
ब्राह्मण नेता ब्रजेश पाठक ने कहा
”मै पीड़ित पक्ष के साथ २४ घंटे खड़ा हूँ ! दोषियों को बचाने और मृतको को अपराधी कहने वाले बयान की मै निंदा करता हूँ ! हर वह व्यक्ति जो अपने बयान से दोषियों को बचाने की बात करता है वह भी क़ानून की जद में आता है ! अपराधियों को संरक्षण देने वाले बक्शे नहीं जायंगे! रायबरेली में हादसा नहीं नर संहार हुआ है ! सरकार पीडितो के साथ खड़ी है !”
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