जंतर-मंतर पर किसानों से मिले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, मदद का आश्वासन दिया

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने रविवार को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे अपने राज्य को किसानों से मुलाकात की और उन्हें मदद का आश्वासन दिया. किसान यहां पिछले 40 दिनों से कर्ज माफी, सूखा राहत पैकेज और सिंचाई संबंधी समस्या के समाधान के लिए कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. पलानीस्वामी करीब 20 मिनट तक किसानों के साथ रहे. इस दौरान उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि वह प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष उनकी बात रखेंगे. मुख्यमंत्री ने किसानों से अपना विरोध-प्रदर्शन खत्म करने की अपील भी की.

पलानीस्वामी ने कहा, “हम अनावश्यक खर्चो में कटौती करने का प्रयास करेंगे और उचित प्रबंध करने की कोशिश करेंगे.. मैं प्रधानमंत्री के समक्ष किसानों की मांग को रखूंगा.. हम किसानों से विरोध-प्रदर्शन का समाप्त करने का आग्रह करते हैं.”

पिछले 40 दिनों में किसानों ने केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री का ध्यान अपनी मांगों को ओर आकर्षित करने के लिए कई प्रयास किए. उन्होंने नग्न अवस्था में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर मार्च किया, चूहे खाए, अपने सिर मुंडवाए, अंत्येष्टि का स्वांग किया और शनिवार को तो उन्होंने अपने मूत्र भी पी लिए, ताकि सरकार का ध्यान अपनी स्थिति व मांगों की ओर आकर्षित कर सकें.

उल्लेखनीय है कि इस माह की शुरुआत में केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) के तहत 1,712 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की. लेकिन राज्य सरकार ने 40,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की है.

तमिलनाडु गंभीर रूप से सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है. जनवरी में राज्य सरकार ने तमिलनाडु को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया था. सूखे के चलते राज्य में 100 से अधिक किसानों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. किसानों के मुताबिक, कवेरी डेल्टा क्षेत्र में पानी की कमी के चलते साल 2016 से अब तक 29 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की भूमि में कुछ भी नहीं उपजाया जा सका है.

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