देश के 68वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विजय चौक से ऐतिहासिक लालकिले तक देश की आन.बान.शान का शानदार नजारा देखा गया जिसमें प्राचीन काल से चली आ रही भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, आधुनिक युग की विभिन्न क्षेत्रों की उसकी उपलब्धियां और देश की सुरक्षा की गारंटी देने वाली फौज की क्षमता का भव्य प्रदर्शन हुआ.
गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि अबु धाबी के शहजादे मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान थे. परेड में यूएई के सैनिकों की एक टुकड़ी ने अपने देश के ध्वज के साथ हिस्सा लिया जिसमें उसका संगीत बैंड शामिल था.
यूएई के दस्ते में 149 जवान शामिल थे जिसमें 35 संगीतकार हैं. सलामी मंच पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में राजपथ पर आज भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया. परेड में जहां सारी दुनिया में सबसे अधिक विभिन्नता वाले देश भारत को एक सिरे में पिरोने वाली उसकी हर कोने की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाया.
वहीं, अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश के किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का अहसास कराया. सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले वायु सेना के अत्याधुनिक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देख कर उन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का अहसास हुआ.
विजय चौक से ऐतिहासिक लालकिले तक दोनों ओर उत्साही जनता के विशाल हुजूम के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सलामी मंच से परेड का निरीक्षण किया . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह अमर जवान ज्योति पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
गणतंत्र दिवस परेड में ही नहीं बल्कि उसे देखने आए देश के हर क्षेत्र, समुदाय, जाति और धर्म के उमड़े जन सैलाब ने अनेकता में एकता के जज़्बे का अनूठा प्रदर्शन किया. परेड के 8 किलोमीटर के रास्ते में बच्चों, महिलाओं, युवाओं और वृद्धों के चेहरों की चमक और उत्साह देखते ही बनता था.
ओड़िशा, अरूणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, गुजरात, लक्षद्वीप, कर्नाटक, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा, जम्मू कश्मीर, असम समेत विभिन्न राज्य एवं विभागों ने अपनी-अपनी झांकियों के माध्यम से अपनी परंपरा और संस्कृति की झलक पेश की