जीएसवीएम मेडिकल कालेज की एमबीबीएस छात्रा अमृता सिंह ने गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे अपनी मां श्याम सुंदरी से फोन पर बात की थी। तब अमृता बिल्कुल सामान्य थी। उसने मां से कहा था कि वह कुछ सामान खरीदने के लिए बाजार जा रही है। गुरुवार रात आठ बजे गंगा बैराज पर स्कूटी मिलने के बाद से वह लापता है। शुक्रवार को दोपहर 3 बजे तक अमृता को लापता हुए पूरे 19 घंटे हो गए हैं लेकिन अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है।सूचना पाकर पहुंची उनकी मां ने पुलिस को ये जानकारी दी। पुलिस छात्रा के अपहरण होने की भी आशंका पर जांच कर रही है। मां श्याम सुदंरी ने बताया कि बात करने के दौरान किसी भी तरह के तनाव या परेशानी में अमृता नहीं लग रही थी। कभी भी उसने परीक्षा को लेकर परेशानी की भी बात नहीं की। इसलिए अगर कोई ये कहे कि वह परीक्षा के डर से कहीं चली गई है तो ये गलत है। उधर पुलिस ने कई घंटे तक गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं से पूछताछ कर अमृता के बारे में जानकारी जुटाई।
स्वरूपनगर इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि अमृता कुछ तनाव में है। उनका कहना था कि 11 फरवरी से परीक्षाएं शुरू होने वाली है। शायद इसी को लेकर अमृता परेशान है। हालांकि कॉलेज की प्राचार्या व उसके परिजनों ने इस बात को खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि पढ़ाई में बेहतर है।
पुलिस ने छात्रा के हॉस्टल से निकलने के समय के आधार पर गंगा बैराज को जाने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज तलाशना शुरू कर दिया। पुलिस उसके मोबाइल नंबर की सीडीआर भी निकलवा रही है। फुटेज व कॉल डिटेल से ही सुराग लगने की उम्मीद है।
पुलिस के मुताबिक अमृता को गंगा में कूदते किसी ने नहीं देखा। फिर भी गोताखोर से करीब ढाई घंटे तक गंगा में जाल डलवाकर उसे तलाश कराया गया। अभी तक उसका कुछ भी पता नहीं लग सका है। पुलिस ने शुक्रवार को फिर से गोताखोर की मदद से गंगा में खोजबीन करवाई। एक बजे करीब गोताखोरों को अमृता की चप्पल गंगा में मिली थी लेकिन अभी तक उसका शव नहीं मिला है। पुलिस कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस ने अमृता की सीडीआर भी मांगी है। ताकि पता चल सके कि उसकी किस-किस से बात हुई।