गुरु-चेला मिलकर उत्तर प्रदेश को बर्बाद करने के सपने देख रहे हैं- मायावती

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‘बुआ-भतीजे’ की उपमा से अकसर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के निशाने पर रहने वाली बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को ‘गुरु-चेला’ कहकर संबोधित किया. मायावती ने कहा कि गुरु-चेला मिलकर उत्तर प्रदेश को बर्बाद करने के सपने देख रहे हैं.

”गुरु और चेले ने मिलकर कर दिया पूरे देश को बर्बाद”

मायावती ने कहा, ‘‘गुरु और चेले ने मिलकर पूरे देश को बर्बाद कर दिया. गुरु यानी मोदी और चेला यानी शाह. अब ये दोनों मिलकर उत्तर प्रदेश को भी बर्बाद करने के सपने देख रहे हैं.’’ अमित शाह को एक बार फिर ‘कसाब’ बुलाते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने कहा, ‘‘अमित शाह से बड़ा कोई कसाब यानी आतंकी नहीं हो सकता है. खुद गुजरात खास गवाह है जिसे ध्यान में रखकर आपको (मतदाताओं को) बीजेपी के इस कसाब का यानी आतंकी का यहां कतई भी राज नहीं आने देना है.’’

मायावती यहां भी मुसलमानों को बीएसपी के पक्ष में वोट देने के फायदे बताने से नहीं चूकीं. उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम समाज को भी एकतरफा वोट बीएसपी को देना है. जिसका (बीएसपी) अपना दलित बेस वोट पूरी तरह एकजुट है और बीजेपी को हराने के लिए सक्रिय और तत्पर है. इस वोट में विशेषकर मुस्लिम समाज का वोट जुड़ जाने से बीजेपी को इसका जबर्दस्त नुकसान पहुंच जाएगा और बीजेपी प्रदेश की सत्ता पर किसी भी कीमत पर काबिज नहीं हो सकती है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे प्रधानमंत्री मोदी हों या अमित शाह भी…यहां श्मशान घाट और कब्रिस्तान, कसाब, कत्लखाने तथा गुजरात के गधों आदि की घिनौनी राजनीति करने के साथ साथ प्रदेश के लिए अब दूध व दही की नदियां बहाने की आड़ में फिर से लोकसभा चुनाव की तरह अच्छे दिन की हवा हवाई बातें क्यों ना कर लें, प्रदेश की जनता इनके बहकावे में आने वाली नहीं है.’’

”देश में अमित शाह से बड़ा कोई और कसाब नहीं”

दरअसल अमित शाह ने ‘कसाब’ शब्द का इस्तेमाल अपने भाषण में करते हुए कहा था कि ‘क’ से कांग्रेस, ‘स’ से एसपी और ‘ब’ से बीएसपी और उत्तर प्रदेश को इस ‘कसाब’ से मुक्ति दिलानी है. इसी के जवाब में मायावती ने शाह की तुलना कसाब से कर दी. मायावती ने कहा, ‘‘आज अपने देश में अमित शाह से बड़ा कोई और कसाब नहीं हो सकता है अर्थात आतंकी नहीं हो सकता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में एसपी के लगभग पांच साल और केन्द्र में बीजेपी के पौने तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान दोनों ही सरकारों की गलत नीतियों और कार्यकलापों के कारण प्रदेश की 22 करोड़ जनता नाराज और आक्रोशित है.’’ उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने किसी भी चेहरे को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की अभी तक हिम्मत नहीं जुटा पायी है. एसपी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा अपनी सरकार में शुरू से ही कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के मामले में जबर्दस्त दागी चेहरा रहा है.

मायावती ने कहा कि जिस एसपी को अराजक, आपराधिक, सांप्रदायिक, भ्रष्टाचारी और जंगलराज आदि का खास प्रतीक माना जाता है, उसके साथ कांग्रेस भी गठबंधन में चुनाव लड़ रही है…ऐसी स्थिति में अब यहां प्रदेश की आम जनता को तय करना है कि क्या वह एसपी कांग्रेस गठबंधन के दागी चेहरे को वोट देगी या इसके स्थान पर इन सभी तत्वों का सफाया कर हर स्तर पर कानून का राज करने वाली बीएसपी के ‘बेदागी’ चेहरे को अपना वोट देगी.

BSP सरकार के दौरान ही कर दी गई थी अधिकतर बड़े कार्यों की शुरूआत

मायावती ने कहा कि एसपी सरकार में हत्या, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार और उत्पीड़न, गुंडाराज, जमीन पर कब्जे, सांप्रदायिकता, दंगे, तनाव आदि की घटनाएं चरम पर हैं. इस सरकार के चलते प्रदेश में घोर असुरक्षा और आतंक का माहौल हावी है. विकास के कार्य भी आधे अधूरे किये जाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि एसपी सरकार ने प्रदेश की जनता के अरबों रुपये अकेले मीडिया में खर्च कर दिए हैं जबकि इसी धन को गरीबों के हित और कल्याण के कार्यों पर भी खर्च किया जा सकता था. विकास और जनहित के जो भी थोड़े कार्य हुए, उनमें से अधिकतर बड़े कार्यों की शुरूआत बीएसपी सरकार के दौरान ही कर दी गयी थी.

बीएसपी प्रमुख ने कहा, ‘‘नाम बदलकर चला रहे हैं हमारी योजनाएं. समाजवादी पेंशन योजना का पहले का मूल नाम महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना था.’’ उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज के लोग अपना वोट एसपी उम्मीदवारों को देते हैं तो वह वोट पूरी तरह बेकार हो जाएगा और उसका सीधा फायदा बीजेपी को ही पहुंच सकता है. बीएसपी का दलित वोट बेस पूरी तरह एकजुट और बीजेपी को हराने के लिए तत्पर एवं सक्रिय है. मुस्लिम जुड़ गया तो बीजेपी को इसका जबर्दस्त नुकसान पहुंचेगा.

मायावती ने कहा कि केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ में तीन महीने पहले देश में काला धन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की आड़ में बिना पूरी तैयारी के देशभर में अचानक पांच सौ और हजार रूपये के नोटों पर पाबंदी लगाने का ऐसा फैसला लिया गया जिसकी मार से देश की जनता उबर नहीं पा रही है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर चलते हुए पूरा आरक्षण खत्म कर देगी या फिर इसे निष्प्रभावी बना देगी. बीजेपी सरकार के चलते अल्पसंख्यक समाज विशेषकर मुस्लिम समुदाय के लोगांे के साथ सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है

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