अमेठी के भादर विकास खंड क्षेत्र के छीड़ा गांव निवासी चंद्र प्रकाश सिंह एक पेट्रोल पंप पर नौकरी करते हैं। इन्हें पांच हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है। चंद्र प्रकाश का पुत्र राहुल सिंह शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में अव्वल था।
उसने हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की पढ़ाई प्रतापगढ़ के कोहड़ौर स्थित रंगनाथ द्विवेदी इंटर कॉलेज से की है। इसके बाद कंप्यूटर साइंस में गाजियाबाद से बीटेक की पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में राहुल कर्नाटक में कंप्यूटर साइंस में एमटेक सेकेंड ईयर के छात्र हैं।
वालमार्ट ने राहुल को 20 लाख 76 हजार रुपये का पैकेज ऑफर किया है। सात अगस्त को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए वालमार्ट ने राहुल का चयन किया है। राहुल पढ़ाई पूरी करने के बाद 2020 में नौकरी जॉइन करेंगे। राहुल की सफलता पर जहां परिवारीजन भावविभोर हैं, वहीं ग्रामीण भी गौरवान्वित हैं। अपने पैतृक गांव छीड़ा आए राहुल सोमवार को ही वापस गए हैं।
राहुल के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ठीक नहीं थी। इसके बावजूद पिता ने किसी तरह राहुल को पढ़ाया-लिखाया। अपनी मेधा के दम पर राहुल ने परीक्षा दर परीक्षा सफलता के कीर्तिमान गढ़े। बीटेक में स्कॉलरशिप मिली थी। फोन पर बातचीत में राहुल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा-दादी, माता-पिता व भाई को दिया है।
सार्थक हुआ संघर्ष: चंद्र प्रकाश के दो पुत्र राहुल सिंह और रितिक सिंह हैं। उन्हें कोई बेटी नहीं है। छोटा बेटा रितिक क्षेत्र के एक विद्यालय में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहा है। रितिक भी पढ़ाई में होशियार है। चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि काफी मुफलिसी में उन्होंने राहुल को पढ़ाया है। उसकी सफलता से दुख-तकलीफ सब सार्थक हो गई।