गोरखपुर जिले के झंगहा के नौवाबारी में दो दोस्तों की हत्या का राज गांव के ही किसी घर में छिपा है। परिस्थितियां इसकी चुगली कर रहीं हैं। गड्ढे में जहां दोनों शव पाए गए, वहां के हालात का इशारा है कि कत्ल कहीं और करके, लाशों को वहां लाकर ठिकाने लगाया गया। लाशों को ठिकाने लगाने के लिए गांव में ही जगह चुनना और 17-18 साल के दो किशोरों को कत्ल करके कहीं दूर से लाश वहां ले जाना, किसी आम आदमी के गले नहीं उतरता। फिर, सब कुछ सूंघ लेने वाली पुलिस इस तथ्य को कैसे नजर अंदाज कर सकती है।
उसकी पैनी निगाहें, गांव के लोगों में कातिल को तलाशने में लग गईं हैं। बुधवार को पुलिस गांव के तीन लोगों को उठाकर पूछताछ कर है। एसपी नार्थ ने गांव में ही कैंप लगाया है।पुलिस की जांच में मौके पर ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले, जिससे यह साबित हो कि जिस जगह शव दफनाए गए, वहीं पर हत्या की गई हो। यानि, हत्या कहीं और की गई। शव को लाने और दफनाने में काफी समय लगा होगा।
अब ऐसे में कोई बाहरी आकर यह नहीं जान सकता है कि गांव में किस समय, उस जगह पर (जहां लाशें मिलीं) गड्ढा खोदा जाए कि किसी की नजर ही ना पड़े। और आखिर, बाहरी यहां आएगा क्यों? इससे अनुमान है कि कातिल उसी गांव का ही कोई हो सकता है। पुलिस भी मान रही है कि अगर कोई बाहरी हत्या करता तो शव को यहां ठिकाने लगाने के लिए कत्तई नहीं आता।