यूक्रेन से शनिवार देर रात मुंबई पहुंची पहली फ्लाइट में यूपी के 37 लोग हैं। दूसरी फ्लाइट रविवार तड़के दिल्ली पहुंची है। प्रदेश सरकार ने ऐसे लोगों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर बसें लगाई हैं। प्रदेश के अब तक 891 लोगों ने यूक्रेन में विभिन्न स्थानों पर फंसे होने की जानकारी सरकार के कंट्रोल रूम से साझा की है। अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली पहुचे लोगों को एयरपोर्ट से यूपी भवन पहुंचाने व भोजन आदि की व्यवस्थाएं भी की गई हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार ने यूक्रेन में उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों के मद्देनजर वहां फंसे प्रदेश के लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए विदेश मंत्रालय, भारत सरकार व कीव स्थित भारतीय दूतावास से समन्वय के लिए राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद को नोडल अधिकारी नामित किया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के स्थानिक आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि वे यूक्रेन से वापस आने वाले प्रदेश के नागरिकों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट पर काउंटर स्थापित करें। उन्हें केंद्र सरकार व अन्य समस्त संबंधित से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं। उन्होंने बताया कि यूपी भवन से जिलों तक लोगों को पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने यूक्रेन में उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों के मद्देनजर दृष्टिगत वहां फंसे प्रदेश के लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए विदेश मंत्रालय, भारत सरकार व भारतीय दूतावास कीव से समन्वय के लिए राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद को नोडल अधिकारी नामित किया है। राज्य सरकार ने प्रदेश में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है। यहां लगातार लोग अपनों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना दर्ज करा रहे हैं।
कहीं भूख से अकुलाते रहे छात्र, कहीं उबले चावल पर कटी रात
यूक्रेन के डेनप्रो में जहां भारतीय छात्र दाने-दाने को मोहताज हो गए। आठ से दस घंटे तक भूख से उनकी आंतें अकुलाती रहीं, वहीं खारकीव में दूतावास के पास स्कूल में रुके छात्र-छात्राओं को उबले चावल पर रात काटनी पड़ी। माइनस पांच डिग्री सेल्सियस की ठिठुरन भी छात्र-छात्राओं ने बर्दाश्त कर ली, पर दूतावास ने जब उन्हें स्कूल से निकलकर मेट्रो स्टेशन में जाकर छिपने को कहा तो उनकी मायूसी और बढ़ गई।
युद्घग्रस्त यूक्रेन में फंसे लखनऊ निवासी छात्र-छात्राओं ने शनिवार को अमर उजाला को कुछ यूं ही अपनी पीड़ा बयां की। बातचीत में उनकेआंसू तक छलक आए। मदद की गुहार लगा रहे छात्र-छात्राओं की एक ही ख्वाहिश है कि कैसे भी वापस अपनी जमीं पर लौट सकें। दरअसल, रूस केराष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने पड़ोसी यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया। भयंकर बमबारी के बीच हजारों भारतीय छात्र-छात्राएं यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं और सोशल मीडिया पर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। पूर्वी यूक्रेन स्थित डेनप्रो के मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले लखनऊ के छात्र मनोज यादव ने बताया कि यहां सैकेड़ों छात्र फंसे हुए हैं, पर मदद सिर्फ यूक्रेनियन लोगों की हो रही है।