राजरूपपुर में रहने वाले रतन जायसवाल मिठाई करोबारी हैं। उनके तीन बच्चों में कुशाग्र उर्फ विनायक जायसवाल इकलौता बेटा था। वह चौफटका स्थित एपीएस में 10वीं का छात्र था। पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने पिता के कारोबार में भी हाथ बंटाता था। पुलिस के मुताबिक, 29 सितंबर की आधी रात करीब पौने दो बजे वह परिवारवालों को बिना बताए घर से निकल गया।
नींद खुलने पर उसे घर में ना पाकर परिजनों ने खोजबीन शुरू की लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसी दौरान उसका व्हाट्सएप स्टेटस देखने पर उसकी सेल्फी दिखाई दी जिसमें वह नए यमुना पुल पर रोते हुए नजर आ रहा था। घरवाले नए पुल पर पहुंचे तो उसकी साइकिल व चप्पल मिली लेकिन कुछ पता नहीं चला। घंटों खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चलने पर परिजनों ने धूमनगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।
पुलिस तलाश में जुटी थी कि बृहस्पतिवार दोपहर कीडगंज में यमुना पुल के पास किशोर की लाश नदी में उतराती मिली। शव को बाहर निकलवाकर जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि मृतक कुशाग्र है। जानकारी पर धूमनगंज पुलिस के साथ ही घरवाले भी आ गए। शव देखते ही वह बिलखने लगे। जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जहां से देर शाम शव परिजनों को सौंप दिया गया। धूमनगंज इंस्पेक्टर तारकेश्वर राय ने बताया कि छात्र ने ऐसा कदम क्यों उठाया, घरवाले इस बाबत कुछ नहीं बता पा रहे हैं। फिलहाल यही लग रहा है कि वह किसी बात को लेकर नाराज होकर घर से निकला था।