मानव तस्करी और देह व्यापार के जुर्म में महिलाओं समेत 41 को सजा,

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इसके अलावा आरोपियों पर अलग-अलग धाराओं के अनुसार जुर्माना भी लगाया गया है। आरोपियों में अधिकांश महिलाएं हैं। यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रचना सिंह ने उत्तर प्रदेश बनाम दुर्गा कामले आदि की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है।फैसला सुनाए जाने के दौरान आरोपी भी कोर्ट में मौजूद रहे। अपर सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाया तो कुछ आरोपी कोर्ट के अंदर ही फूट-फूटकर रोने लगे। आरोपियों को सजा सुनाए जाने के लिए नैनी जेल से लाया गया था। अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद उन्हें फिर नैनी जेल भेज दिया गया। कोर्ट में कुल 37 आरोपी लाए गए थे जबकि चार आरोपी कृष्णा, उषा, तिल्लो और शुभम अग्रहरि को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई गई। 

आरोपियों पर देह व्यापार निरोधक अधिनियम की धारा तीन, चार, पांच, छह, सात नौ और आईपीसी की धारा 370 और 373 के तहत आरोप तय किए गए थे। कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में जुर्माने के साथ अलग-अलग सजा सुनाई। मामला चर्चित होने की वजह से मंगलवार को कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई थी।न्यायालय भवन के भूतल से लेकर चतुर्थ तल तक एसपी सिटी और चार सीओ के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। इसके पूर्व कोर्ट ने सुबह मामले की सुनवाई शुरू की तो प्रतिवादीगणों के अधिवक्ताओं (पीएन मिश्रा सहित अन्य) ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए और उन्हें कम से कम सजा दिए जाने की पैरवी की। मामले में सरकार की ओर से पैरवी के लिए नियुक्त विशेष अधिवक्ता रणेंद्र प्रताप सिंह, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि और सहायक शासकीय अधिवक्ता अमित मालवीय ने अधिक से अधिक सजा दिए जाने की मांग की। 

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