क्या अमेरिका को हद बताने के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की के कीव छोड़ने का इंतजार कर रहे हैं पुतिन?

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यूक्रेन संकट को लेकर ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका के दबदबे वाले नाटो संगठन ने तमाम धमकियां और चेतावनी देने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सेना वापस बुलाने की अपील की है। रूस को अब किसी की धमकी या चेतावनी की परवाह नहीं है। व्लादिमीर पुतिन ने स्पेशल ऑपरेशन की भी अनुमति दे दी है। इसके साथ-साथ विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाई पात्रुशेव अपने समकक्षों से चर्चा करके वैश्विक समर्थन लेने में लगे हैं। इसके साथ अनुमान लगाया जा रहा है कि राष्ट्रपति पुतिन अब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के कीव छोड़ देने का इंतजार कर रहे हैं।

सामरिक मामलों के जानकारों का कहना है कि रूस की मंशा यूक्रेन के नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने की है, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि हमले में केवल सैन्य ठिकाने आदि को ही निशाना बनाने की पहल होगी। गुरुवार को रूस द्वारा यूक्रेन पर तीनों सेनाओं ने एक साथ संयुक्त ऑपरेशन का तालमेल दिखाते हुए हमला किया। फिलहाल डोनबास क्षेत्र में उसके सैनिकों का दबदबा है। कीव के एयरफील्ड पर भी रूस के सैनिकों का कब्जा बताया जा रहा है। एक तरफ रूस के हेलीकाप्टर कीव के आसमान में मंडरा रहे हैं, दूसरी तरफ पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच टेलीफोन पर बातचीत भी हुई, जिसमें उन्होंने हिंसा और तनाव को तत्काल बंद करने की अपील की। उन्होंने राजनयिक वार्ता के रास्ते पर लौटने के लिए सभी पक्षों से कोशिश करने का आह्वान किया। साथ ही, इस दौरान पीएम ने यूक्रेन में भारतीय नागरिकों खासकर छात्रों की सुरक्षा के बारे में भारत की चिंताओं के बारे में भी पुतिन से चर्चा की।  

रूस के लिए अमेरिका की आनी है एक और घुड़की

अमेरिका रूस को अपनी सेना वापस बुलाने के लिए एक और घुड़की दे सकता है। यह बात अलग है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने अमेरिकी समकक्ष की बात पर कितना ध्यान देते हैं। पुतिन ने यूक्रेन पर हमले को रूस की मजबूरी बताया। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उनके पास इसके सिवाय कोई चारा नहीं बचा था। इसके सामानांतर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह और उनका देश रूस के सामने समर्पण नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि मास्को में बैठे लोग जैसा सोच रहे हैं, वैसा वह नहीं होने देंगे। जेलेंस्की ने कहा कि वह देश की आजादी से कोई समझौता नहीं करेंगे और उनका देश रूस का मुकाबला करेगा।

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