कोबे (जापान): काले धन पर अंकुश लगाने के मकसद से 500 और 1000 रुपये के नोट बैन करने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इस मुद्दे पर लोगों के सामने अपनी बात रखी. नोटबंदी के इस फैसले के बाद नकदी की किल्लत होने की वजह से लोगों में बढ़ते गुस्से के बीच पीएम मोदी ने साफ किया कि सरकार ने यह फैसला काले धन की सफाई के लिए लिया गया, किसी को तकलीफ देने के लिए नहीं.
जापान यात्रा पर गए पीएम मोदी ने वहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते 500 और एक हजार रुपये ने नोट को प्रचलन से हटाने के बाद की परेशानियों का जिक्र किया और 125 करोड़ भारतीयों के जज्बे को सलाम किया. उन्होंने कहा, ”तमाम दिक्कतों को बावजूद इस पहल को सफल बनाने के लिए देशवासियों का धन्यवाद देता हूं.’
पीएम मोदी ने सरकार के इस कदम को देश का सबसे बड़ा ‘स्वच्छता अभियान’ करार देते हुए कहा, ‘हम आजादी के बाद से अब तक के सारे रिकॉर्ड जांचेंगे, अगर मुझे बिना हिसाब-किताब की कोई नकदी मिलती है, तो किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.’ उन्होंने साथ ही बताया कि ये रातोंरात लिया गया फैसला नहीं है, पहले हम एक योजना लाए. ऐसा नहीं है कि किसी को मौका नहीं दिया गया
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वहीं कई जगह में गंगा नदी में काला धन बहाने की खबरों पर भी पीएम मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा, पहले गंगा में कोई एक रुपया भी नहीं डालता था, अब 500 और 1000 के नोट भी बह रहे हैं. बेईमानों को लगने लगा है कि बैंक में जाने से अच्छा गंगाजी में जाना है, पैसे मिले ना मिले पुण्य तो मिल जाएगा.
इसके साथ ही उन्होंने इस नोटबंदी से परेशान लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि 30 दिसंबर तक किसी को कोई तकलीफ नहीं होगी, जो आपका है आपको मिलेगा. ईमानदार लोगों के लिए सरकार सब कुछ करेगी, बेईमानी का हिसाब चुकता होता रहेगा.