दिल्ली की द्वारका जिला पुलिस ने वाहन चोरी करने वाले एक गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपी दिल्ली-एनसीआर से वाहनों की चोरी कर उसे उत्तर-पूर्वी राज्यों खासकर असम में बेच देते थे। पुलिस से बचने के लिए एक आरोपी एंटी करप्शन और क्राइम कंट्रोल फोर्स के पहचान पत्र दिखाकर निकल जाता था। उसके खिलाफ सीबीआई में एक धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पकड़े गए बदमाशों में एक वाहनों की चोरी करता था, दूसरा मध्यस्थ था और तीसरा वाहनों को असम में डिलीवरी करता था। बदमाशों के निशानदेही पर पुलिस ने 12 कारें, मास्टर चाबी, फर्जी पहचान पत्र, पिस्टल और कारतूस बरामद किए हैं।
इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने द्वारका, रोहिणी, दक्षिण जिला, गुरुग्राम और पलवल के 12 मामले सुलझाने का दावा किया है। जिला पुलिस उपायुक्त शंकर चौधरी ने बताया कि 17 जनवरी को पुलिस को एक बदमाश के चोरी की ब्रेजा कार के साथ द्वारका सेक्टर 18 में आने की सूचना मिली।
पुलिस टीम ने दबिश देकर बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान मुंडाखेड़ा गांव झज्जर के रहने वाले सुनील के रूप में हुई। जांच में पता चला कि कार शिवाजी नगर, गुरुग्राम से चोरी की गई थी। उसने बताया कि वाहनों की चोरी करने के बाद वह उसे रोहिणी निवासी विकास को बेच देता था।पुलिस ने विकास के घर पर दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से कई गाड़ियों की नंबर प्लेट और एक कार बरामद की। पूछताछ में उसने बताया कि अब तक वह गुरुग्राम निवासी राज कुमार शर्मा की मदद से असम में रहने वाले खान को चोरी की गई करीब दो सौ कारें भेज चुका है।