पूर्व एमएलसी, प्रमुख ट्रांसपोर्टर और जम्मू-कश्मीर गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान रहे त्रिलोचन सिंह 67 वर्ष के थे और वह दो सितंबर को जम्मू कश्मीर से दिल्ली आए थे और तीन तारीख को कनाडा जाने वाले थे। लेकिन तीन सितंबर से ही उनके परिवार से उनका कोई संपर्क नहीं था जिससे परिवार काफी परेशान था।
आज जब पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस त्रिलोचन सिंह के फ्लैट पर पहुंची। उनका शव इतनी बुरी तरह से खराब हो चुका था कि उसे पहचानना भी मुश्किल था। इसके बाद जम्मू के ही रहने वाले त्रिलोचन के एक परिचित ने उनके शव की पहचान की।
इसके बाद उनके परिवार को सूचना दी गई। मौके पर पुलिस और एफएसएल दोनों टीमें पहुंची हैं और मामले की जांच कर रही हैं। वह फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के काफी नजदीकी थे। जम्मू के प्रमुख चोपड़ा हत्या कांड के मामले में कुछ सालों तक जेल में रहे लेकिन न्यायालय ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया था।
जम्मू-कश्मीर में सिख समुदाय से जुड़ी कई मांगों को वह लगातार उठाते रहते थे। साथ ही वह ट्रांसपोर्टरों यूनियन इकाई के प्रधान भी थे। उनके निधन से ट्रांसपोर्ट जगत और सिख समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है।
त्रिलोचन सिंह की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है। उमर ने लिखा है, मैं अपने सहयोगी और पूर्व एमएलसी टीएस वजीर के देहांत की खबर से शॉक में हूं। अभी कुछ दिन पहले ही लोगों ने जम्मू में साथ बैठकर बातें की थीं और ये नहीं सोचा था कि ये हमारी आखिरी मुलाकात होगी। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।