कुकर्म के बाद मासूम दिव्यांग के हत्याभियुक्त को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। बेटे का अपराध छिपाने पर दोषी के पिता को धारा 201 में चार साल की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने, जबकि मां को धारा 201 में तीन साल की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। दोषी ने मासूम की हत्या के बाद उसके शव को बोरे में छिपा दिया था।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि 19 फरवरी 2019 को ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में पांच साल का दिव्यांग लापता हो गया था। 21 फरवरी को उसके परिजनों ने ट्रांजिट कैंप पुलिस थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया था।उसी रात परिजनों ने एक और तहरीर दी थी, जिसमें कहा गया कि उनके बेटे के लापता होने के बाद पड़ोसी हरस्वरूप, उसके पिता पप्पू और मां रूपवती के व्यवहार में बदलाव आया है। मासूम के परिजनों ने बताया कि उनकी छत पर आधी रात को आहट सुनाई दी तो उन्होंने छत पर जाकर देखा कि हरस्वरूप पानी की टंकी का ढक्कन खोल रहा था।उन्हें देखकर वह भाग गया। परिजनों के शक जताने पर पुलिस ने हरस्वरूप से सख्ती से पूछताछ की तो उसकी निशानदेही पर उसके कमरे से एक बोरे में मासूम का शव बरामद हो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मासूम की गला दबाकर हत्या एवं कुकर्म की पुष्टि हुई थी। उसके शरीर पर चोट के निशान मिले थे।