नदेसर स्थित पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कार्यालय में बीते 28 अगस्त की दोपहर ठेकेदार अवधेश ने अपनी कनपटी पर लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मार कर खुदकुशी कर ली थी।
अवधेश आत्महत्या से पहले अपने ड्राइवर को छह पन्ने का सुसाइड नोट थमा गए थे। सुसाइड नोट के अनुसार पांच करोड़ रुपये बकाया का भुगतान न होने, पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की कमीशनखोरी और विभागीय भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर अवधेश ने आत्मघाती कदम उठाया है।
अवधेश की आत्महत्या के बाद 29 अगस्त को उनकी पत्नी प्रतिभा की तहरीर के आधार पर कैंट थाने में पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर सहित आठ के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जेई मनोज और एई आशुतोष को हिरासत में लिया।
इस संबंध में एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि ठेकेदार के सुसाइड नोट के आधार पर जेई और ऐई को गिरफ्तार किया गया है। शेष अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है और साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वाराणसी। पीडब्ल्यूडी कॉलोनी स्थित चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कार्यालय में ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव के खुदकुशी करने से पहले क्या छीनाझपटी हुई थी। कैंट पुलिस ने चीफ इंजीनियर के कार्यालय की फर्श पर बिखरे मिले पांच कारतूसों के आधार पर यह आशंका जताई है।
कैंट पुलिस का कहना है कि सामान्य परिस्थिति में रिवाल्वर के जमीन पर गिरने पर उसके चेंबर से कारतूस निकल कर इधर-उधर बिखरते नहीं हैं। अवधेश के रिवाल्वर का चेंबर भी बंद पड़ा मिला था। ऐसे में इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि अवधेश ने रिवाल्वर निकाली हो तो चीफ इंजीनियर के कमरे में मौजूद लोगों से उनकी छीनाझपटी हुई हो। इसी बीच उन्होंने रिवाल्वर कनपटी पर सटाई होगी और ट्रिगर दब गया होगा। पुलिस के अनुसार अवधेश की मौत के दृश्य के नाट्य रूपांतरण में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
कैंट थाने के दरोगा नागेश सिंह शुक्रवार की दोपहर ठेकेदार अवधेश के घर उनकी पत्नी प्रतिभा का बयान दर्ज करने पहुंचे। बातचीत के दौरान प्रतिभा के बार-बार अचेत हो जाने के कारण उनका पूरा बयान नहीं दर्ज किया जा सका।