अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में आज विराजेंगे बाबा विश्वनाथ

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भक्तों के कल्याण के लिए महादेव ने अर्द्धनारीश्वर स्वरूप धारण किया था। विश्व के नाथ बाबा विश्वनाथ सावन के तीसरे सोमवार को अपने इसी अद्भुत स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। भक्त भगवान शिव के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप का दर्शन करेंगे। खास बात यह है कि भगवान शिव का यह स्वरूप भक्तों के लिए ही होता है। मनुस्मृति के अनुसार महादेव ने स्वयं को दो भागों में विभक्त करके अर्द्धनारीश्वर स्वरूप के दर्शन कराए थे।सावन के तीसरे सोमवार के लिए बाबा विश्वनाथ के मंदिर में देर रात तक तैयारियां चलती रहीं। श्रद्धालुओं के लिए कराई गई बैरिकेडिंग में रेड कार्पेट बिछा दिया गया है। दर्शन-पूजन के लिए भक्त रविवार की मध्य रात्रि से ही कतार में लगने शुरू हो गए। मंगला आरती के बाद से ही बाबा दरबार में दर्शन पूजन का सिलसिला शुरू हो जाएगा। भक्तों को श्री काशी विश्वनाथ का झांकी दर्शन ही मिलेगा।मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि सावन में काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश वर्जित किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा न होने पाए। पिछले साल की ही तरह गर्भगृह के बाहर लगे अरघे में श्रद्धालु गंगाजल डालकर बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे।
पूर्वी प्रवेश द्वार पर होगी जल चढ़ाने की व्यवस्था
विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश के लिए ए, बी, सी, डी नाम से चार गेट बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं को गेट नंबर चार छत्ताद्वार होते हुए मंदिर चौक भेजा जाएगा। श्रद्धालुओं को गेट-ए से प्रवेश करने के बाद गर्भगृह के पूर्वी प्रवेश द्वार पर जल चढ़ाने की व्यवस्था मिलेगी। बांसफाटक से ढुंढिराज गली होकर आने वाले श्रद्धालु मंदिर परिसर के गेट-डी से प्रवेश पाएंगे और गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से दर्शन व जलाभिषेक कर सकेंगे। सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले श्रद्धालु गर्भगृह के दक्षिणी द्वार और वीआईपी, वीवीआईपी व सुगम दर्शन के टिकटधारी गेट-सी से प्रवेश कर गर्भगृह के उत्तरी द्वार से दर्शन करेंगे।
हर रास्ते पर पेयजल और एलईडी स्क्रीन पर दर्शन के इंतजाम
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि सावन को देखते हुए विशेष तैयारी की गई है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। मंदिर में गर्भगृह के पहले ही बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन एलईडी स्क्रीन पर श्रद्धालु कर सकेंगे। सभी रास्तों पर पेयजल की व्यवस्था भी होगी। स्टील की रेलिंग के बीच बिछे कारपेट से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करेंगे।
मंदिर में न लेकर आएं कोई भी इलेक्ट्रानिक उपकरण
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल, पेन, घड़ी, पेनड्राइव आदि को लेकर मंदिर में न आएं। इससे दर्शन में परेशानी होगी। दूसरा मंदिर परिसर में किसी विग्रह, दीवार या रेलिंग को स्पर्श करने से बचें।
छह घंटे पर होगा सैनिटाइजेशन
कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर परिसर को हर छह घंटे पर सैनिटाइज किया जाएगा। आपात स्थिति के लिए चिकित्सक और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात रहेगी। पेयजल से लेकर खोया पाया केंद्र, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शौचालय बनवाया गया है।
शिव मंदिरों में भी होंगे दर्शन
सावन के तीसरे सोमवार को भी शहर के प्रमुख शिवालयों में दर्शन होंगे। कहीं झांकी दर्शन तो कहीं मुख्य द्वार से ही दर्शन पूजन का इंतजाम किया गया है। महामृत्युंजय, गौरी केदारेश्वर, तिलभांडेश्वर, शूलटंकेश्वर, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर सहित सभी प्रमुख शिवालयों में तैयारियां पूरी हो गईं है। वहीं सारंगनाथ महादेव में झांकी दर्शन का इंतजाम किया गया है।

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