बेटा लौटा घर, आंखों से छलक पड़े खुशी के आंसू,

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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में फंसे जौनपुर के रहने वाले मयंक रविवार सुबह अपने घर पहुंचे। परिजनों को देख उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। मयंक के परिवार वालों सहित ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कान तैर गई। घर लौटने पर बहनों ने मयंक को राखी बांधी वहीं परिजनों ने माला पहना कर स्वागत किया। वहीं, उनकी दोनों बहनों ने राखी बांधी।

काबुल एयरपोर्ट के समीप एक स्टील फैक्ट्री में फंसे 27 भारतीयों में से जौनपुर लाइन बाजार थाना क्षेत्र के गोधना गांव निवासी मयंक कुमार सिंह भी थे। भारतीयों के दल की वतन वापसी रविवार को ही हुई थी। सभी दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे थे।

शाम में मयंक सुहेलदेव एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार हुए और रविवार सुबह जौनपुर उतरे।  मयंक के छोटे भाई शशांक सिंह सहित कई ग्रामीण स्वागत के लिए स्टेशन पर पहुंचे थे। मयंक के घर लौटने से उनकी पत्नी आंचल, बेटा आदित्य सहित परिवार के सभी लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं।

लाइन बाजार थाना क्षेत्र से कचगांव रोड पर पांच किमी दूर गोधना गांव है। यहां के निवासी सत्य प्रकाश सिंह के बेटे मयंक कुमार सिंह काबुल स्थित खान स्टील लिमिटेड कंपनी में महाप्रबंधक थे। कंपनी परिसर काबुल एयरपोर्ट से दो किमी दूरी पर है। इस समय मयंक काबुल स्थिति फैक्ट्री में ही थे।

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