केंद्र सरकार पर निजीकरण की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए देश भर के बिजली कर्मचारी इसके विरोध में 23-24 फरवरी को हड़ताल करेंगे। हड़ताल का आह्वान नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) ने किया है। एनसीसीओईईई की हुई ऑनलाइन बैठक में हड़ताल का निर्णय किया गया।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बैठक में निर्णय किया गया कि 23-24 फरवरी को ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के समर्थन में देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर भी निजीकरण की नीतियों के विरोध में दो दिन की हड़ताल में शामिल होंगे।बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों की मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस लिया जाए, सभी प्रकार की निजीकरण की प्रक्रिया बंद की जाए, केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली के निजीकरण का फैसला रद्द किया जाए, बिजली बोर्डों के विघटन के बाद नियुक्त सभी बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाया जाए। साथ ही राज्यों में सभी बिजली कंपनियों का एकीकरण कर केरल के केएसईबी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लिमिटेड की तरह एसईबी लिमिटेड गठित किया जाए और नियमित भर्ती के साथ ही सभी संविदा कर्मचारियों को तेलंगाना सरकार की तरह नियमित किया जाए। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ व पुडुचेरी के बिजली कर्मियों के समर्थन में देश भर के बिजली कर्मी एक फरवरी को भी विरोध प्रदर्शन करेंगे।