स्कूल आने को तैयार नहीं जूनियर के बच्चे

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बुधवार को जिले में 234 उच्च प्राथमिक स्कूल, 199 कंपोजिट स्कूल, 33 सहायता प्राप्त स्कूल व 232 वित्त विहीन मान्यता प्राप्त स्कूलों तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित 26 स्कूलों में रोस्टर के अनुसार कक्षा आठ के बच्चों को आना था। पहले दिन स्कूलों में नाम मात्र के बच्चे पहुंचे। जो बच्चे पहुंचे भी उनमें से ज्यादातर बच्चे बिना मास्क के थे।

स्कूलों में साफ-सफाई तो बेहतर रही लेकिन सैनिटाइजेशन के साथ मास्क की व्यवस्था स्कूलों में नहीं रही। इतना ही नहीं स्कूलों में मौजूद शिक्षक भी मास्क का प्रयोग किए बिना एक साथ बैठकर बच्चों के आने का इंतजार करते रहे। जो बच्चे स्कूल पहुंचे उन्हें पढ़ाया गया।
स्कूलों में व्यवस्था बेहतर हो सके इसके लिए अफसर भी निरीक्षण कर कोविड संक्रमण से बचाव के साथ शिक्षण कार्य बेहतर बनाने का निर्देश देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में जुटे रहे। दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों में सैनिटाइजर व मास्क की व्यवस्था रही। स्कूल आने वाले सभी बच्चे मास्क लगाकर आए थे।
कटरालालगंज जूनियर हाईस्कूल की छात्रा गीता, शिवानी व छात्र सतीश वर्मा ने कहा कि स्कूल खुलने से उन्हें बेहतर शिक्षण की उम्मीद थी लेकिन सप्ताह में सिर्फ एक दिन शिक्षण कार्य होने से उन्हें निराश होना पड़ रहा है। पचेहरी जूनियर हाईस्कूल की छात्रा आशरीन, रूकसार बानो, इस्माबानो व कायनात ने कहा कि मोबाइल न होने से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा था। स्कूल खुलने से उनकी शिक्षा से जुड़ी परेशानी दूर होगी।
बीएसए विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि पहला दिन होने से स्कूलों में छात्र संख्या कम रही। शिक्षकों को अभिभावकों से संपर्क कर सहमति पत्र प्राप्त कर रोस्टर के अनुसार शिक्षण कार्य करने का निर्देश दिया गया है। कहा कि स्कूलों में कोविड संक्रमण से बचाव की व्यवस्था न होने तथा सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का प्रयोग न होने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।

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